
ब्यूरो चीफ प्रियेश गुप्ता रुद्र
जौनपुर के शाहगंज में स्थित सर्वोदय इंटर कॉलेज में नकाब के चलते 10 छात्राओं के परीक्षा छोड़ने का मामला उलझता ही जा रहा है। स्कूल प्रशासन कह रहा है कि छात्राओं ने चेहरे से नकाब हटाकर प्रवेश पत्र से मिलान कराने से इनकार कर दिया था।वहीं छात्राओं का कहना है कि उन्हें चेहरा मिलान कराने से दिक्कत नहीं थी। लेकिन चेकिंग के बाद भी हिजाब लगाकर जाने नहीं दिया जा रहा था। छात्राओं के अभिभावक भी यही बात कह रहे हैं।वहीं, इस पूरे मामले में अभी तक प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब मामला ये है कि छात्राएं अगली परीक्षा दे पाएंगी या नहीं। परीक्षा छोड़ने वाली छात्राओं में से उम्मेखौला का कहना है कि वो जब परीक्षा केंद्र पहुंची, तो चेकिंग कर रहे लोगों ने बड़े सख्त तरीके से कहा कि नकाब निकाल कर आओ।ऐसे में छात्रा ने अपने पिता को बुलाया। पिता और चेकिंग कर रहे शिक्षकों में काफी देर तक बहस भी हुई। लेकिन केंद्र व्यवस्थापक ने नकाब के साथ केंद्र में घुसने से मनाकर दिया। जिसके बाद छात्राएं वापस लौट आईं। उम्मेखौला की मानें तो वो चेहरा दिखाकर प्रवेश पत्र से मिलान कराने को तैयार थीं। छात्रा के अभिभावक अब्दुर्रहीम का कहना है कि सरकारीकामों में अक्सर बच्चियां अपने चेहरे दिखाती रही हैं।परीक्षा केंद्र पर भी वो मिलान के लिए तैयार थी। उधर, केंद्र व्यवस्थापक दिनेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि छात्राओं ने प्रवेश पत्र से चेहरे का मिलान कराने से इनकार कर दिया था।बताते चलें कि सोमवार को मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल की 4 छात्राओं ने हिंदी की परीक्षा छोड़ दी थी। छात्राएं नकाब पहनकर परीक्षा देना चाहती थीं। इन छात्राओं के घर की अन्य 6 छात्राएं इसी वजह से केंद्र तक ही नहीं गईं।सोमवार को हिंदी का पेपर देने पहुंची थीं छात्राएंखेतासराय स्थित मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल का सेंटर सर्वोदय इंटर कॉलेज को बनाया गया है। स्कूल से कॉलेज की दूरी करीब 4 किमी है। सोमवार को पहली पाली में 10वीं की हिंदी का पेपर था।परीक्षा देने के लिए तमाम छात्र-छात्राएं कॉलेज पहुंचीं। मुस्लिम छात्राएं हिजाब में थीं। कॉलेज के गेट पर चेकिंग के बाद छात्र-छात्राओं को एंट्री दी जा रही थी। कई मुस्लिम छात्राएं अपना हिजाब उतारकर परीक्षा देने चली गईं। लेकिन चार छात्राएं हिजाब न उतारने पर अड़ गईं थी। सोमवार को सेंटर पर छात्रा के पिता अहमदुल्लाह ने कहा कि बेटी का हिंदी का पेपर था। पता चला कि बेटी स्कूल नहीं जा रही हैं। बेटी ने बताया कि हिजाब में पेपर नहीं देने दिया जा रहा।इस पर मैंने बोला- आप लोगों के साथ चलता हूं। चार बच्चियों को लेकर स्कूल पहुंचा था। सेंटर में जब एंट्री होने लगी तो बच्चियों को अंदर नहीं जाने दिया गया। गेट पर बोला गया कि आप लोगों को हिजाब उतार करके ही अंदर जाना है।तब मैंने वहां खड़े टीचर से कहा कि आप किसी लेडीज टीचर से चेकिंग करवा लीजिए, फिर बच्चियों को अंदर जाने दीजिए। लेकिन टीचर नहीं माने। बच्चियां बिना परीक्षा दिए ही घर चली आईं। अहमदुल्लाह ने कहा-अगर बच्चियों को हिजाब में पेपर देने दिया जाएगा, तो हम बच्चियों को भेजेंगे। वरना नहीं भेजेंगे। उन्होंने बताया कि सोमवार को जैनब, फातिमा, मरियम, नायमा, उम्मेखौला, रुश्दा, जुबिया, हुमैरा, सिद्दीका, काशिफा ने हिंदी की परीक्षा छोड़ी है।
