प्रियेश गुप्ता रुद्र जौनपुर
संपादक डॉ सैयद नौशाद अली
जौनपुर जिले में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजेन्द्र प्रसाद पर भ्रष्टाचार के लगे गंभीर आरोप जिलाधिकारी को भेजे गए शिकायती पत्र में यह आरोप चन्द्र प्रकाश सिंह ने लगाया है कि राजेन्द्र प्रसाद पिछले तीन वर्षों से इस पद पर हैं।उनका दो बार स्थानांतरण हुआ। लेकिन वे हाईकोर्ट से स्टे लेकर अपने पद पर बने रहे। शिकायतकर्ता के अनुसार, सरकार ने उनकी गलत गतिविधियों, कार्य में शिथिलता और भ्रष्टाचार के कारण स्थानांतरण किया गया था। साथ ही पत्र में आरोप है कि राजेन्द्र प्रसाद ने पिछले तीन वर्षों में सात से आठ करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया है। इस कथित भ्रष्टाचार में ए.पी. यादव और अखिलेश यादव (दोनों सहायक अभियंता) भी शामिल बताए गए हैं।शिकायत में यह भी कहा गया है कि जब राममिलन यादव लेखा अधिकारी के रूप में आए, तो उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा दिया था। इसके बाद राजेन्द्र प्रसाद ने उन्हें एक महीने की छुट्टी लेने के लिए बाध्य किया। उनकी अनुपस्थिति में फर्जी भुगतान किए गए।शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि मार्च महीने में कई फर्मों को अतिरिक्त आइटम और वैरियेशन के नाम पर फर्जी भुगतान किए गए। उन्होंने इस मामले की जांच लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव और उच्च स्तरीय एजेंसियों से कराने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि उच्च स्तरीय जांच से ही सच्चाई सामने आए