शिराज़-ए-हिन्द
रिपोर्ट शाने अब्बास ज़ैदी
जौनपुर – 20 फ़रवरी जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय हाईस्कूल/इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 सकुशल संपन्न कराए जाने के संबंध में बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी के द्वारा अवगत कराया गया कि हाईस्कूल/इण्टर) परीक्षा वर्ष-2025, 24 फरवरी 2025 से प्रारम्भ होकर 12 मार्च 2025 के मध्य में दो पालियों में (प्रथम पाली समय-प्रातः 8ः30 बजे से 11.45 बजे तक, द्वितीय पाली सायं 2.00 बजे से 5.15 बजे तक) की अवधि में आयोजित होगी।
कक्षा-10 में कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 74938, कक्षा-12 में कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 80164, वर्ष 2025 में कुल परीक्षार्थियों की संख्या 155102 है। कुल 218 परीक्षा केन्द्र बनाये गये है। जिसके लिए जोनल मजिस्ट्रेट 06, सेक्टर मजिस्ट्रेट 23 एवं स्टैटिक मजिस्ट्रेट 218 तैनात किये गये हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में अनुचित साधनों का प्रयोग एवं प्रश्न पत्रों के समय से पूर्व प्रकटन को रोकने, साल्वर गिरोह का निषेध करने और संबंधित सभी मामलों में दंड की व्यवस्था करने के लिए 2024 में नवीन अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सार्वजनिक परीक्षा में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है। इसमें छात्रों को उनके भविष्य के दृष्टिगत आपराधिक दायित्व से मुक्त रखा गया है परंतु सार्वजनिक परीक्षाओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाले दोषियों के विरुद्ध निर्णायक और कठोर कार्रवाई का प्राविधान किया गया है। सार्वजनिक परीक्षा के संचालन में सम्मिलित प्रश्न पत्र की तैयारी, कोडिंग डिकोडिंग, मुद्रण. संग्रहण, सुरक्षित अभिरक्षा और वितरण, सार्वजनिक परीक्षा का पर्यवेक्षण, उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन, परिणाम की घोषणा और उससे संबंधित अन्य सभी कार्य किये गये है।
परीक्षार्थी के संदर्भ में किसी व्यक्ति से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से या किसी भी रूप में अनधिकृत सहायता लेना या किसी प्रकार के अनधिकृत गैजेट या का उपयोग करना, परीक्षार्थी के अलावा अन्य व्यक्ति के संदर्भ में अनधिकृत रूप से प्रश्न पत्र के प्रकटन या प्रकटन का प्रयास, किसी सार्वजनिक परीक्षा में किसी भी परीक्षार्थी को किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करना या सहायता करने का प्रयास करना, और परीक्षार्थी को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क या संसाधन या प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करना या करने का प्रयास करना इस अधिनियम के दायरे में आयेगा।
सॉल्वर गिरोह का आशय परीक्षा संस्था के अधिकारी या कर्मचारी और सार्वजनिक परीक्षा के संचालन के लिए लगाए गए संस्था के प्रबंधन या कर्मचारी को छोड़कर ऐसा व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह है जो वास्तविक परीक्षार्थी के स्थान पर उप